कांग्रेस सांसद ने तीन तलाक़ पर दिए विवादित बयान पर माफ़ी मांगी

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद हुसैन दलवई ने कहा कि हमारे समाज में पुरुष वर्ग का महिलाओं पर वर्चस्व है। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि श्रीरामचंद्र जी ने भी एक बार शक करते हुए अपनी पत्नी सीता जी को छोड़ दिया था। ऐसे में हमें इस परंपरा को ही पूरी तरह से बदलने की जरूरत है।’

उनके इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद कांग्रेस सांसद दलवई ने हिंदू समुदाय के लोगों से माफी भी मांग ली।

कांग्रेस नेता ने सफाई देते हुए कहा कि वह खुद माता सीता के भक्त हैं, लेकिन जो मैंने कहा वह हिंदू धर्म में महिलाओं के साथ हो रहे व्यवहार को दर्शाने के लिए कहा था, प्राचीन काल में किस तरह से महिलाओं ने मुश्किल समय झेला है, मैं उस बारे में बता रहा था।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं की भलाई के लिए गंभीर नहीं है। सरकार दावा कर रही है कि वह मुस्लिम महिलाओं को और ताकत दे रही है और उन्हें मजबूत कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि वह लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है।

दलवई ने कहा कि केवल मुस्लिम ही नहीं, हिंदू, ईसाई, सिख सभी समुदायों में महिलाओं के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार होता है। ऐसे में यह कहना कि वह (सरकार) मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए ऐसा (तीन तलाक बिल) कर रहे हैं, यह गलत बात है।

संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी एक तरफ मुस्लिम महिलाओं के हितों से जुड़े तीन तलाक विधेयक को रोकने के लिए संसद में गतिरोध पैदा कर रही है तो वहीं उसके नेता बाहर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं।