मोदी सरकार की तरफ से सूचना के अधिकार के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने विरोध जताया है। कांग्रेस ने इन नए प्रस्तावित नियमों पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार की नीयत पर आशंका जाहिर की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेस को संबोधित कर कहा है कि मोदी सरकार आरटीआई कानून को रद्द किए बगैर सूचना अधिकार कानून को खत्म करने का प्रयास कर रही है।
मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार आरटीआई का जवाब सही तरीके से नहीं देती है। नतीजतन जानने वाले को पूरी सूचना नहीं मिल पाती है। इतना ही नहीं अपील की प्रक्रियाओ मे मुश्किलें पैदा की जाती है और इन्ही तरीको को औपचारिकता देने के लिए नियम में बदलाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नई नियम के अनुसार, यदि आरटीआई आवेदन 500 से अधिक शब्द का है तो उसे अधिकारी ख़ारिज कर सकेंगे। साथ ही सूचना प्राप्त करने का पैसा आवेदनकर्ता को खुद देना होगा।
आरटीआई में बदलाव के प्रस्ताव से सूचना महंगी हो जायेगी और इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने से भारत के हज़ारों नागरिक जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, को काफी परेशानी होगी।
मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का संसद के भीतर और बाहर लोकतान्त्रिक तरीको से विरोध किया जाएगा। समर्थन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से भी बातचीत की जाएगी।