नरोदा पाटिया दंगा मामला, कोड़नानी को बरी करने के फैसले पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में वर्ष 2000 में हुए नरोदा पाटिया हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट का शुक्रवार को फैसला आ चुका है। हाई कोर्ट ने भाजपा विधायक रही माया कोडनानी को बरी कर दिया है।

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जबकि बाबू बजरंगी को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। माया कोडनानी को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि दंगों में मौके पर उनकी उपस्थिति साबित नहीं हो पाई। कोडनानी के खिलाफ 11 गवाह दिए गए थे। लेकिन उसके बाद भी उन पर लगे आरोप साबित नहीं हो पाए।

नरोदा पाटिया मामले पर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सर्जेवाला ने टिप्पणी किया है। उन्होंने ट्विट किया कि किसी ने किसी को नहीं मारा, सभी की मौत प्रक्रतिक या गैर प्रक्रितक वजहों से हुई है। बतादें कि 2002 गुजरात दंगा नरोदा पाटिया मामले में हाई कोर्ट ने 32 दोषियों में से 17 को बरी कर दिया है। बरी होने वालों में माया कोडनानी भी शामिल हैं। 12 दोषियों की सजा बरकरार रखी गई है। जबकि 2 पर फैसला सुनाया जाना बाकी है। मामले में शामिल एक आरोपी की मौत हो चुकी है।

स्पष्ट है कि गुजरात दंगों के बाद नरोदा पाटिया में नरोदा पाटिया में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। जबकि 33 लोग घायल हुए थे। मामले में हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने पिछले साल अगस्त में फैसला सुरक्षित रख लिया था।