म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से दाखिल हलफनामे पर कांग्रेस ने सतर्क प्रतिक्रिया जाहिर की है। हलफनामे में भारत के किसी तरह के अंतर्राष्ट्रीय संधि में नहीं बंधे होने की घोषणा पर खासतौर पर सरकार को सचेत करते हुए पार्टी ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।
कांग्रेस के मुताबिक बेशक राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बेहद अहम है। इसीलिए सरकार को सभी विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाकर उन्हें भरोसे में लेना चाहिए। हलफनामे के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह राय जाहिर की। उनका कहना था कि यह संवेदनशील मसला है और इसीलिए पार्टी इस पर संयम बरतते हुए सरकार से यह जानना चाहेगी कि हलफनामे में भारत के किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि की बाध्यता में नहीं होने की बात कहना कहां तक सही है।
सिंघवी ने कहा कि यह मसला बिल्कुल राजनीतिक नहीं बल्कि देश और सरकार का है। पार्टियां सत्ता में आती-जाती रहती हैं मगर सरकार और सुप्रीम कोर्ट नहीं बदलते। इसीलिए सरकार को एकतरफा नजरिया अपनाने की बजाय विपक्षी पार्टियों और संबंधित राज्यों के क्षेत्रीय दलों को बुलाकर इस मामले में भरोसे में लेना चाहिए।