राष्ट्रपति बनते ही रामनाथ कोविंद ने किया देश और बापू का अपमानः कांग्रेस 

देश के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पहले भाषण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तुलना दीनदयाल उपाध्य से की है। राष्ट्रपति द्वारा की गई इस तुलना पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति के इस भाषण को आपत्तिजनक बताते हुए सरकार पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान का आरोप लगया है।

राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तुलना दीनदयाल उपाध्य से की, जो ठीक नहीं है। आज़ाद ने कहा कि ये सरकार लगातार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता के साथ सरकार देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी अपमान कर रही है।

आजाद ने कहा, “ऐसे लोगों की शताब्दी मनाई जा रही है जिनका स्वतंत्रता अंदोलन में कोई योगदान नहीं है। जिन लोगों ने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, जेलों में सड़े उन्हें ये सरकार याद नहीं करना चाहती।”

वहीं, कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने भी राष्ट्रपति के भाषण पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “हर समाज अपने राष्ट्र के नेताओं, राष्ट्र निर्माताओं और राष्ट्र पर कुर्बानी देने वालों को सम्मान से याद करता है। भारतवर्ष में भी यही परंपरा रही है। स्वतंत्रता संग्राम के महानायक महात्मा गांधी को सम्मान से याद किया जाता है। भारत में सबसे ऊपर दर्जा महात्मा गांधी का है।” उन्होंने आरोप लगाया कि अब सुनोयोजित तरीक से महात्मा गांधी के कद को छोटा दिखाया रहा है। उनके योगदान को छोटा किया जा रहा है।

आनंद शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के नायक जवाहर लाल नेहरू थे, जो इस देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। राष्ट्रपति का अपने भाषण में पंडित नेहरू का नाम नहीं लेना। उन्हें छोटा दिखाने की कोशिश है।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में शपथग्रहण समारोह के बाद अपने पहले भाषण में पंडित नेहरू का नाम तक नहीं लिया था। जबकि उन्होंने महात्मा गांधी का नाम दीनदयाल उपाध्य के साथ लेते हुए कहा था कि ये राष्ट्र उनके आदर्शों पर चलेगा।