मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने का संविधानिक तरीका अलाहदा ओबीसी कोटा है: जस्टिस वी एश्वर्या

नई दिल्ली: गाय और गोश्त की राजनीति में उलझाकर मुसलमानों के साथ हिंसा की वारदातों को अंजाम दिए जाने के दौर में पिछड़े वर्गों में शामिल मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने के मांगों की शुरुआत हो चुकी है। जिसकी कमान ओबीसी कमीशन ऑफ़ इंडिया के पूर्व चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वी एश्वर्या को सोंपी गई है।

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इस संबंध में नई दिल्ली स्थित नेहरु युवा केंद्र में सेमिनार हुआ, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, बिहार, झारखण्ड, उतराखंड, तिलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों से मुस्लिम ओबीसी से संबंध रखने वाली प्रतिनिधि हस्तियों ने शिरकत की। इस सेमिनार में रष्ट्रीय स्तर पर गिने जाने वाली ओबीसी संगठनों ने एक जॉइंट एक्शन कमीटी भी गठन की, जिसने आम सहमति से ओबीसी मुसलमानों को 27 फीसद आरक्षण दिलवाए जाने की वकालत की है।

इस अवसर पर जस्टिस वी एश्वर्या ने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने का एकमात्र संविधानिक रास्ता यही है कि उन्हें 28 फीसद अलग कोटा दिया जाए। यहां मौजूद भाईचारा समिती के अध्यक्ष भाई मेहरबान कुरैशी ने कहा कि ओबीसी चाहे हिन्दू हो, मुस्लिम हो या दलित हो, हमें सबको साथ लेकर चलना चाहिए ताकि देश में साम्प्रदायिकता का माहौल समाप्त किया जा सके और साम्प्रदायिक सद्भाव को बरक़रार रखा जा सके।