नई दिल्ली। अंतरधार्मिक दंपती तन्वी सेठ और मोहम्मद अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट जारी करने को लेकर हुए विवाद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रविवार को ट्विटर पर ट्रोल हुईं और उनके खिलाफ गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल किया गया।
पिछले सप्ताह, पासपोर्ट सेवा केंद्र के एक अधिकारी विकास मिश्र का लखनऊ से तब तबादला कर दिया गया था। दंपती ने आरोप लगाया था कि पासपोर्ट आवेदन के साथ कार्यालय जाने पर उन्होंने उन्हें अपमानित किया।
सुषमा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैं 17 से 23 जून 2018 के बीच भारत से बाहर थी। मैं नहीं जानती कि मेरी अनुपस्थिति में क्या हुआ। हालांकि , मुझे कुछ ट्वीट से सम्मानित किया गया। मैं इसे आपके साथ साझा कर रही हूं। इसलिए मैंने उन्हें पसंद किया है।
पंजाब के कप्तान सरबजीत ढिल्लों ने आश्चर्यजनक रूप से स्वराज की स्वास्थ्य स्थिति का मज़ाक उड़ाया। ट्वीट में कहा गया, ‘पक्षपातपूर्ण फैसला। मैं विकास मिश्र का समर्थन करता हूं।
मैडम आप पर शर्म आती है- क्या यह आपकी इस्लामी किडनी का असर है।’ हालांकि, मंत्री ने इन अप्रिय बातों को बहादुरी से स्वीकार किया और उनमें से कुछ ट्वीट को रि-ट्वीट किया। हालांकि, इन ट्वीटों में गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल किया गया था और ये सांप्रदायिक प्रकृति के थे।
ट्विटर पर बहुत से लोगों यहां तक कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और तटस्थ पत्रकारों ने उनका समर्थन किया। पत्रकार सागरिका घोष ने लिखा, अविश्वसनीय। सुषमा जन्मजात नेता है और हमेशा संसदीय लोकतंत्र का पालन करती हैं।
विदेश मंत्री ने इन अप्रिय बातों को बहादुरी से स्वीकार किया और उनमें से कुछ ट्वीट को रिट्वीट किया। इन सब के बीच प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सुषमा स्वराज के इस फैसले का समर्थन किया और ट्रोल्स के खिलाफ उनकी प्रतिक्रिया की भी सराहना की।
स्वराज के फेसबुक पेज को डाउनग्रेड करने के लिए 30,000 से अधिक भाजपा समर्थकों ने एक संगठित अभियान शुरू किया। कुछ ही घंटों की अवधि में, रेटिंग 4.3 स्टार से 1.4 स्टार तक गिर गई थी। पासपोर्ट अधिकारी मिश्रा को दंपती के खिलाफ कथित रूप से भेदभाव करने के बाद स्थानांतरित कर दिया गया था।