अब वर्दी की जगह धोती- कुर्ता पहन कर काशी मंदिर की सुरक्षा करेंगे पुलिस

इस शहर की पहचान सदियों से काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर है। करीब 240 साल पुराने इस मंदिर की सुरक्षा की कमान अब वर्दीधारी पुलिस की जगह धोती-कुर्ता धारी पुलिस को सौंपी गई है। सोमवार को श्रद्धालु जब मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे तो वे चौंक गए, क्योंकि सुरक्षा में तैनात सभी पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता में दिख रहे थे।

कुछ श्रद्धालुओं ने धोती-कुर्ता धारी सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था पर खुशी भी जताई। पुरुष पुलिसकर्मी खाकी वर्दी की जगह धोती और पीले कुर्ते में ड्यूटी पर तैनात नजर आए। वहीं, महिला पुलिसकर्मी सफेद सलवार और आसमानी कमीज में तैनात दिखीं।

जानकारी के मुताबिक मंदिर की शुद्धता को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। जो पुलिसकर्मी गर्भगृह के बाहर सुरक्षा में तैनात होंगे, यह नियम उनपर नहीं लागू होंगे। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से पहले केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर में तैनात पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में नहीं होते हैं।

इस मामले को लेकर विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष अशोक द्विवेदी ने कहा कि विशाखापट्टनम के कुछ दर्शनार्थियों ने शिकायत की थी कि मंदिर में पुलिसकर्मी दर्शनार्थियों से दुर्व्यवहार करते हैं, इसलिए उस समय के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण और एसएसपी आरके भारद्वाज के साथ उन्होंने चर्चा की।

चर्चा के दौरान ही धोती-कुर्ता में पुलिसकर्मियों की तैनाती पर बात हुई थी. सुझाव के तौर पर कहा गया था कि विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह का लाइव प्रसारण होता है।

लाइव प्रसारण के दौरान मंदिर के गर्भगृह में खाकी वर्दीधारी सेवा करते दिखते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है और यह सिलसिला पिछले 32 सालों से चल रहा था। लेकिन, अब पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता में तैनात रहेंगे, जिससे सभी को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।