घोटालेबाजों का अखाड़ा बनता बिहार : सृजन और शौचालय के बाद अब 3600 करोड़ का तटबंध घोटाला

पटना : बिहार घोटालेबाजों का अखाड़ा बनता जा रहा है। हाल-फिलहाल बिहार में सामने आया चर्चित सृजन घोटाला, शौचालय घोटाले का मामला अभी तक ठंडा नहीं पड़ा की उसी तरह एक और करोड़ों का घोटाला सामने आ रहा है। घोटाला तटबंध निर्माण कार्य से संबंधित है, जिसमें 3608 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी तटबंधों की हालत बेहद खराब है।

मामला बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर जिले का है, जहां के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शिवेश भारती ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें हाईकोर्ट के आदेश पर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी किए गए है। जिसके बाद जल संसाधन विभाग की कुल 7 टीम के 72 अधिकारी सीतामढ़ी जिले और शिवहर पहुंचकर निर्माण कार्य की जांच में लगे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने एचएससीएल कंपनी पर ये आरोप लगाया था कि तटबंध निर्माण कार्य में विभागीय दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया गया है और मनमानी तरीके से तटबंध का निर्माण करवाया गया है। जिसमें तकरीबन एक हजार करोड़ के घोटाले की संभावना है। तटबंध निर्माण कार्य का निविदा वर्ष 2002 में प्रकाशित किया गया था। जिसमें 793 करोड़ रुपए की लागत से तटबंध का निर्माण पूरा किया जाना था लेकिन फिर से 2012 में उसी निर्माण कार्य की निविदा द्वारा प्रकाशित की गई और पून: निविदा कर उसकी लागत 3608 करोड़ रुपए कर दिया गया।