‘गौ-आतंकियों’ की खैर नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हर ज़िले में नोडल अधिकारी तैनात करने का दिया आदेश

गाय के नाम पर हो रही हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा कतई बर्दाशत नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी जिलों में सीनियर पुलिस अफसर को नोडल अफसर के तौर पर नियुक्त किया जाए। राज्यों को इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है ।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा है कि उनको गौ सेवा के नाम पर संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि गौरक्षा के नाम पर लोग कानून को अपने हाथ में ना ले सकें।

गाय के नाम पर की जा रही हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र का नाम प्रमुख तौर पर लिया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का पक्ष रखते हुए तुषार मेहता ने कहा कि गौ रक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा के लिए कानून मौजूद हैं।

इसपर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वह भी जानते हैं कि कानून मौजूद है पर फिर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा? चीफ जस्टिस ने सलाह दी कि प्लान बनाया जा सकता है जिससे ऐसी घटनाएं ना बढ़ें।

पिछले कुछ सालों से गाय के नाम पर हिंसा की घटनाएं बढ़ती जो रही हैं। गौरक्षकों की पिटाई से कई मुस्लिम और दलितों की मौत भी हो चुकी है ।