मुस्लिम लॉ बोर्ड ने उठाए सवाल, कहा- इसके बाद भी जो औरतें तीन तलाक मंजूर करेंगी, उनका क्या?

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। साथ ही इसपर 6 महीने के अंदर सरकार को कानून बनाना होगा।

इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाये हैं।

AIMPLB का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हमने हमेशा सम्मान किया है और इस फैसले के बारे में भी हम सोच-विचार करेंगे।

लेकिन इस फैसले से यह देखना होगा कि उन मुस्लिम महिलाओं का क्या होगा, जो इस फैसले के बाद भी तीन तलाक को मंजूर करती हैं।

आपको बता दें कि पांच जजों की पीठ में से तीन जजों जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस फली नरीमन, जस्टिस जोसेफ कुरियन ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए कहा की इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है।

जबकि इससे पहले चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि तीन तलाक धार्मिक प्रक्रिया और भावनाओं से जुड़ा मामला है, इसे एकदम से खारिज नहीं किया जा सकता।