उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों के लिये शौचालय निर्माण के लिये भेजी गई रकम के गबन पर सख्त रूख अपनाया और राज्य सरकार से कहा कि विभागीय जांच कर एक हफ्ते में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
परियोजना के तहत खास तौर पर शौचालयों के निर्माण के लिये आई रकम के गबन को रेखांकित करते हुए एक तहसीलदार द्वारा दी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और लोकपाल सिंह की एक खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह एक हफ्ते में कार्रवाई करें।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी अदालत ने निर्देश दिया कि वे उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें जिन्होंने कथित तौर पर सार्वजनिक धन का गबन किया। अदालत ने कहा कि काम को बेहद लचर तरीके से लागू किया जा रहा है और महज कुछ शौचालयों का ही निर्माण हुआ और मृत लोगों के पक्ष में भी रकम जारी कर दी गई।