पत्थरबाज़ी करने वाले सभी कश्मीरी देशद्रोही नहीं: CPI


भाकपा ने साथ ही  केंद्र सरकार से जम्मू एवं कश्मीर में सभी पक्षों के साथ बातचीत का रास्ता खोलने का अनुरोध करते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने के सर्वोच्च न्यायालय के सुझाव की भी सराहना की।

भाकपा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नागरिकों को अलग-थलग करने का नतीजा हम हालिया श्रीनगर संसदीय उप-चुनाव में मतदाताओं द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने के रूप में देख चुके हैं और पार्टी का मानना है कि इससे जम्मू एवं कश्मीर में ‘स्थिति और गंभीर हुई है’।

भाकपा ने कहा, “इसका महज कानून एवं व्यवस्था की समस्या के तौर पर समाधान नहीं निकाला जा सकता। जमीनी सच्चाई को स्वीकार करने की जरूरत है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायधीश द्वारा जम्मू एवं कश्मीर बार एसोसिएशन से पत्थरबाजी बंद करवाने की गारंटी देने के लिए कहना व्यावहारिक नहीं है।”

भाकपा का कहना है, “स्थिति पर किसी एक संगठन का नियंत्रण नहीं रह गया है, चाहे वह अलगाववादी ही क्यों न हों। बातचीत की सामान्य घोषणा करने से कुछ मदद मिल सकती है। सरकार का यह रुख सही नहीं है कि वह सिर्फ मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करेगी।”