सुकमा नक्सली हमले पर CPI ने कहा- ‘ना कहें लाल आतंक’

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले की कड़ी निंदा की है। शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और कहा कि इसे लाल आतंक ना कहा जाए। नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे।

भाकपा ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, “पार्टी सुकमा में जवानों की हत्या की निंदा करती है..जवानों को सम्मान देती है और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है।

सीपीआई ने हमले को ‘लाल आतंक’ कहे जाने पर आपत्ति जताई है।

पार्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सीपीआई सहित कई वाम पार्टियां जनजातीय समुदाय के लोगों के रक्षार्थ काम कर रही हैं। वे नक्सलियों से सहमत नहीं हैं। राजनीतिक रूप से, वैचारिक रूप से और उनके संघर्ष के तरीके से भी नहीं।

सीपीआई ने कहा कि सरकार (केंद्र व राज्य) को ‘व्यापक संदर्भ व परिप्रेक्ष्य में गंभीरतापूर्वक आत्मविश्लेषण’ करने की जरूरत है कि क्षेत्र में हालात से निपटने में कामयाबी क्यों नहीं मिल पा रही है?

पार्टी ने कहा यह जानकर आश्चर्य हुआ कि सीआरपीएफ का पूर्णकालिक प्रमुख नहीं है और इसे नियमित रूप से खुफिया जानकारी नहीं मिलती। वरना इस तरह की हिंसा को टाला जा सकता था।