मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माकपा का दावा है कि बीजेपी केरल में सियासी तौर पर वामपंथी दलों का मुकाबला करने में नाकाम है, इसलिए वह राज्य में भीषण हिंसा फैलाने की कोशिश में जुटी है।
माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादकीय लेख में प्रकाश करात ने कहा कि केरल में भाजपा द्वारा आयोजित 15 दिवसीय पदयात्रा का मकसद राज्य में दंगे भड़काना है। उन्होंने कहा कि भाजपा आरएसएस का यह हथकंडा केरल में माकपा की चुनौती को स्वीकार कर पाने में नाकामी का नतीजा है।
करात ने कहा कि सत्ता के अहंकार में डूबे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सोचते हैं कि वह केरल में वामपंथ के आतंक का झूठा झंडा फहराने की संघ की राजनीति को कामयाब बनाने में सफल होंगे। लेकिन शाह ने माकपा के खिलाफ तथ्यहीन झूठे आरोप लगाकर हिंसा का खतरनाक दौर शुरू कर दिया है।
करात ने आगे कहा कि केरल में आरएसएस का हिंसक हमलों का 45 साल पुराना इतिहास रहा है। यह घटनाएं सिर्फ मौजूदा एलडीएफ सरकार में ही नहीं हो रही हैं बल्कि 1990 के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री ईके नयनार और फिर पिछले दशक में मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन तक के कार्यकाल में भी हमलों का दौर जारी था।
ग़ौरतलब है कि केरल में भाजपा के मौजूदा अभियान के दौरान अमित शाह और अन्य पार्टी नेताओं ने बीजेपी एवं आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे वाम उग्रवाद को प्रमुख वजह बताया था।
इन आरोपों को ग़लत बताते हुए करात ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली केरल सरकार का पिछले 17 महीने के कार्यकाल में किया गया काम दर्शाता है कि भाजपा की प्रतिक्रियावादी आर्थिक नीतियों और विभाजनकारी सांप्रदायिक एजेंडे का राज्य में एकमात्र विकल्प एलडीएफ सरकार ही है।
उन्होंने कहा कि केरल में भाजपा की पदयात्रा में किये जा रहे झूठे दावों से लोगों में वामपंथ और गैरसांप्रदायिक राजनीति के प्रति विश्वास बढ़ेगा।