मुन्ना बजरंगी हत्या- सुनील राठी से जेल में मिलने वाले कौन थे सफेदपोश

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद पुलिस और जेल अधिकारी अब उन तमाम कडियों को जोडने में जुटे हुए हैं ,जो इस हत्याकांड के खुलासे के नजदीक ला सकती हों। इसके पीछे किसी बड़ी राजनीतिक साजिश को भी कोई नहीं नकार रहा है। यही कारण है कि खेकड़ा थाने में मुन्ना बजरंगी की पत्नी द्वारा दी गई तहरीर पर मुकदमा कायम कर उसे विवेचना में शामिल कर लिया गया है।

बताया जाता है कि हत्या की रात से पहले रविवार को दो लग्जरी गाड़ियों से कुछ सफेदपोश लोग बागपत जिला जेल पहुंचे थे। बिना किसी काननी औपचारिकता के उनकी मुलाकात तन्हाई बैरक में बंद सुनील राठी से कराई गई। कई घंटे तक ये सभी लोग जेल में रहे और फिर शाम होते ही वहां से रवाना हो गए।

अब ये सफेदपोश लोग कौन थे, किस मकसद से उन्होंने सुनील राठी से मुलाकत की और उनके बीच क्या प्लानिंग बनी, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इन्हीं लोगों द्वारा सुनील राठी को हथियार उपलब्ध कराए गए हैं। इतना ही नहीं, कहा जा रहा है कि रविवार को ही दिन में सुनील राठी की पत्नी ने जेल में उससे मुलाकत की थी। यह अलग बात है कि इन मुलाकातों का जेल में कोई रिकार्ड नहीं है।

विक्की सुन्हेड़ा की कोठरी में बीती बजरंगी की रात

जिला जेल की तन्हाई बैरक में कुल दस कोठरियां बनी हुई हैं, जो रविवार को दस कुख्यात बदमाशों से भरी हुई थीं। देर शाम जब मुन्ना बजरंगी को जेल में दाखिल किया गया तो सवाल उठा कि उसे तन्हाई बैरक में किसके साथ रखा जाए। बताया गया कि खुद मुन्ना बजरंगी ने विक्की सुन्हेड़ा के नाम की पेशकश की थी। इस पर उसे विक्की की कोठरी में भेज दिया गया। रात उसने वहीं गुजारी और भोर से पहले ही उठकर चहलकदमी के बाद नहाने की तैयारी करने लगा था। एसपी बागपत जयप्रकाश ने भी बताया कि मुन्ना बजरंगी को विक्की सुन्हेड़ा की कोठरी में रखा गया था तथा उस रात तन्हाई बैरक की सभी कोठिरयां फुल थीं।

फोन आया, बात हुई और अचानक बदल गया राठी का मिजाज

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के घटनाक्रम को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। इस बात की तस्दीक अधिकारी भी कर चुके हैं कि वारदात के पहले मुन्ना बजरंगी, सुनील राठी व कई अन्य कुख्यात बदमाश स्टूल पर बैठे चाय पी रहे थे। इस दौरान किसी बात को लेकर मुन्ना बजरंगी व सुनील राठी में गर्मागर्मी हुई और बाद में सुनील राठी ने पिस्टल निकालकर बजरंगी को गोलियों से भून दिया। इससे इतर यह भी कहा जा रहा है कि स्टूल पर बैठने से पहले सुनील राठी के पास जो माबाइल फोन था, उसपर कॉल आई थी। इसलिए वह अलग चला गया था। चंद मिनट बात करने के बाद जब सुनील राठी लौटा तो उसका मिजाज पूरी तरह से बदला हुआ था। उसने मुन्ना बजरंगी पर उसकी हत्या की सुपारी देने का आरोप लगाया और जेसे ही बजरंगी ने उल्टा उस पर सुपारी देने का आरोप लगाया तो सुनील राठी ने पिस्टल निकालकर मुन्ना पर गोलियां बरसा दीं।

हत्या के बाद जश्न मनाने वाले बदमाशों पर भी निगाह

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद कहा जा रहा है कि जेल में जश्न मनाया गया। इसमें नामजद हत्यारोपी व उसके साथी बदमाश भी शामिल थे। इससे उनके हत्याकांड में शामिल होने का शक है। अहाते के गटर से मिली मैगजीन और कारतूस भी इस और ही इशारा कर रहे है। क्योंकि दो मैग्जीन खाली करने में समय लगता है। एक बंदी का 30 से अधिक कारतूस अपने पास रखना सम्भव नहीं है। इस सब पर पुलिस की नजर है।

तन्हाई बैरक के गटर से मिला बीयर और शराब की बोतलों का जखीरा

बजरंगी की हत्या के बाद पिस्टल बरामद करने के लिए पुलिस प्रशासन ने जेल के गटर साफ कराए थे। तनहाई बैरक के एक गटर से हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल, मैगतीन और जीवित कारतूस मिले, तो भारी तादात में बीयर और शराब की खाली बोतलें भी मिली। इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि जेल में कुख्यातों को ऐश आराम की छूट दी जा रही है।