त्रिपुरा में पिछले साल दो पत्रकारों की हत्या की जांच का जिम्मा संभालने के बाद सीबीआई ने सत्ताधारी भाजपा की गठबंधन सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के तीन नेताओं सहित पार्टी के 300 से 500 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पिछले साल 21 सितंबर को पश्चिम त्रिपुरा जिले के मंडवई इलाके में स्थानीय टीवी चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक की उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब वह विरोध प्रदर्शन के रूप में किए जा रहे सड़क जाम को कवर करने गए थे।
पिछले साल 20 नवंबर को पश्चिम त्रिपुरा जिले के ही आर के नगर में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की दूसरी बटालियन के मुख्यालय के भीतर एक भाषाई अखबार के अपराध संवाददाता सुदीप दत्ता भौमिक की हत्या कर दी गई थी।
सीबीआई ने हत्या के दोनों मामलों के सिलसिले में आईपीएफटी के नेता बलराम देब बर्मा, धीरेंद्र देब बर्मा और अमित देब बर्मा सहित पार्टी के अज्ञात 300 से 500 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अमित पार्टी की मांडवी संभागीय समिति के अध्यक्ष हैं।
त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर सुदीप दत्ता भौमिक हत्याकांड में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश में चल रहे मुकदमे पर रोक लगा दी गई थी।
पुलिस जांच से नाखुश शांतनु के पिता साधन भौमिक ने उच्च न्यायालय का रुख कर सीबीआई जांच की मांग की थी।
राज्य की तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने सीबीआई जांच की मांग का विरोध किया था। राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार ने मई में अदालत को सूचित किया था कि उसने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंप दिया है।