लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दलितों की सबसे बड़ी नेता रूप में खुद को आगे रखते हुए मायावती ने तमाम रैलियों में दलितों की बात की है, लेकिन एक चौंकाने वाली बात यह है कि इस बार बसपा ने चार ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है जिनपर दलित अत्याचार के कई मामले दर्ज हैं.
इन उम्मीदवारों के खिलाफ एसएसी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है, वहीँ एक उम्मीदवार के खिलाफ दलित की हत्या का आरोप भी है.
ये उम्मीदवार हैं सिराजगंज सीट से राघवेद्र सिंह, उत्तरी आगरा सीट ग्यानेंद्र गौतम, बरेली चैनपुर से मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह और महोबा सीट से अरिमर्दन सिंह. हालाँकि इन उम्मीदवारों का कहना है कि हमारे खिलाफ दर्ज यह मामले फर्जी हैं. हमें साजिशन फंसाया गया है.
राघवेंद्र सिंह के नामांकन पत्र में दिए ब्योरे के अनुसार, उनके खिलाफ हत्या के चार मामले दर्ज हैं. ये सभी मामले आईपीसी की धारा 3(2)5 जोकि एससी-एसटी एक्ट के तहत है, 2007 में दर्ज हुआ है.
इन आरोपों के जवाब में राघवेंद्र कहतें हैं कि एक दलित की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री जयवीर सिंह के इशारे पर उन्हें फंसाया गया था.
जयवीर सिंह पिछली मायावती सरकार में मंत्री थे, लेकिन इस बार वह भाजपा के टिकट पर सिराजगंज से चुनावी मैदान में हैं.
वहीं गौतम के नामांकन पत्र के अनुसार उनके खिलाफ एसएसी-एसटी एक्ट के तहतदो मामले दर्ज हैं. गौतम ने अपने एफिडेविट में इस बात की भी जानकारी दी है कि उनके खिलाफ इन दोनों ही मामलों की जांच पर 2015 में कोर्ट ने रोक लगा दी है।
गौतम का कहना है कि यह मामले उनपर राजनीति के तहत लगाए गए थे, मैं गांव का प्रधान चुना गया था लेकिन मेरे विरोधी सत्ता दल से थे और उन्होंने मेरे खिलाफ यह मामले दर्ज कराए.
वीरेंद्र सिंह पर तीन मामले दर्ज हैं, जिनमे से एक 2005 में बरेली में दर्ज किया गया था. यह मामला धारा 147 यानि दंगा, 342 यानि जबरन किसी को बंधक बनाना, 504 यानि जानबूझकर हिंसा भड़काना, एससी-एसटी एक्ट व धारा 171 के तहत दर्ज है।
वीरेंद्र सिंह का भी कहना है कि उनके खिलाफ जांच पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज कराया गया है, सपा सरकार के दौरान उनके खिलाफ गलत आरोप लगाए गए.
वहीं अरिमर्दन सिंह के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं, इसमे से एक मामला कबराई पुलिस स्टेशन पर अपहरण का मामला भी दर्ज है, इसके अलावा धारा 3(1) यानि एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज है.
अरिमर्दन सिंह का कहना है कि यह मामले उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के चलते दर्ज किए गए थे, मैंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी जहां इस मामले पर रोक लगा दी गई थी.