बेंगलुरु: सीआईएसएफ के कई जवान खराब खाने और अलाउंसेज नहीं मिलने की सुचना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख दे चुके हैं। फ़िलहाल अभी इनकी परेशानी का हल निकला भी नहीं था कि इस बीच अब बेंगलुरु के केम्पे गोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर सुरक्षा में तैनात लगभग दो सौ जवानों ने अपने उत्पीड़न के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया है।
दरअसल केम्पे गोडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर इस साल जनवरी महीने में एक जवान ने अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली थी। हालांकि तब सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि जवान ने निजी कारणों से आत्महत्या की थी।
यहां तैनात सीआईएसएफ जवान ने बताया, “यहां खाने का स्टैंडर्ड बेहद खराब है। इसके अवाला हमारी शिफ्ट्स में कोई ब्रेक नहीं मिलता। हमें घर नहीं मिलता है और ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी नहीं मिलता है। ऊपर के अधिकारी दुर्व्यवहार करते है और मनमाने ढंग से सैलरी भी काट ली जाती है।”
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय का जो ताजा आकड़ा आया उसमें बताया गया है कि पिछले तीन सालों में 344 अर्ध सैनिक बलों के जवानों ने आत्महत्या की है। उनमें से 15 ऐसे है जिन्होंने इस साल के शुरुआती तीन महीनों आत्महत्या की है।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, आत्महत्या करने वाले जवानों में से 15 पर्सेंट यानी 53 जवान सीआईएसएफ के थे। इसके अलावा 25 मामले ऐसे सामने आए जिसमें जवानों ने अपने ही सहकर्मियों की हत्या कर दी। इस तरह के घटना को अंजाम में सबसे अधिक 13 जवान सीआईएसएफ के थे।