CVC ने CBI चीफ अलोक वर्मा पर लगाए आरोपों को बेबुनियाद बताया कल सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा पर लगाए आरोपों को नकार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। शीर्ष कोर्ट ने सीवीसी को आलोक वर्मा से जुड़े मामले में दो हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने कहा था। कोर्ट कल सीबीआई के अंतरिम चीफ नागेश्वर राव द्वारा 23 अक्टूबर को अफसरों के तबादलों के फैसलों पर आदेश भी दे सकता है।

रिश्वतखोरी विवाद में सीबीआई प्रमुख वर्मा और जांच एजेंसी में नंबर दो राकेश अस्थाना को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया था। अस्थाना ने वर्मा पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। केवी चौधरी की अगुआई वाली सीवीसी की 3 सदस्यीय कमेटी ने अस्थाना के सभी आरोपों को खारिज कर दिया। छुट्टी पर भेजे जाने के बाद वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

दो जजों की बेंच करेगी सुनवाई
इससे पहले सीबीआई रिश्वतखोरी मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने की थी। सोमवार को दो जजों की बेंच में सुनवाई होगी। इस पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को शीर्ष कोर्ट में कई केसों की सुनवाई होती है, लिहाजा इस मामले की सुनवाई दो जजों की बेंच में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक को सीवीसी जांच के लिए सुपरवाइजर नियुक्त किया है।

सरकार ने अचानक लिया सीबीआई चीफ को छुट्टी पर भेजने का फैसला
सीबीआई के दो शीर्ष अफसरों के रिश्वतखोरी विवाद में फंसने के बाद केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम प्रमुख नियुक्त कर दिया। जांच जारी रहने तक सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और नंबर दो अफसर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया। इसका आदेश देर रात 2 बजे जारी किया गया। विपक्ष ने सरकार के इस अचानक दखल पर सवाल उठाए।

दरअसल, अस्थाना और उनकी टीम के एक डीएसपी पर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। वहीं, अस्थाना का आरोप है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने ही 2 करोड़ रुपए की घूस ली है।