दलाई लामा ने तोड़ी चुप्पी, कहा- महात्मा बुद्ध होते, तो रोहिंग्या मुसलमानों की मदद ज़रूर करते

यांगून। बौद्ध के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने रोहिंग्या समस्या पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए म्यांमार की सरकार से अपील की है कि वे अत्याचार की वजह से विस्थापन करने वाले मासूम रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करे, क्योंकि बुद्धमत की यही शिक्षा है।

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म्यांमार में बौद्ध चरमपंथियों और सरकारी सुरक्षाबलों के हिंसा का शिकार रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में पहली बार जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अगर बुद्ध जिंदा होते तो वह हिंसा से जानें बचाकर विस्थापन करने वाले मुसलमानों की मदद करते।

दलाई लामा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जो लोग मुसलमानों को किसी तरह से परेशान कर रहे हैं उन्हें बुद्ध की शिक्षा याद रखनी चाहिए। बुद्ध निश्चित रूप से उन गरीब मुसलमानों की मदद करते। मैं उन मुसलमानों के लिए फिकरमंद हूँ।

गौरतलब है कि म्यांमार की पश्चिमी राज्य राखेन में 25 अगस्त से सरकारी सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी है और उनमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार एक हजार से अधिक रोहिंग्या मुसलमान मारे गए हैं, और कम से कम तीन लाख मुसलमान जोखिम भरा यात्रा करके बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्र की ओर चले गए हैं।