नई दिल्ली: तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा इस समय अरूणाचल यात्रा पर है। दलाई लामा की इस यात्रा से चीन बेहद नाराज़ है, लेकिन चीन की नाराज़गी से बेपरवाह दलाई लामा ने कहा कि ‘अगर कोई उनको राक्षस कहता है तो उनको इससे कोई फर्क नहीं पढ़ता।’ चीन का भारत पर आरोप है वो भारत ने दलाई लामा का इस्तेमाल किया है इसपर दलाई लामा ने कहा कि ‘भारत ने कभी उनका इस्तमाल नहीं किया।’ दलाई लामा ने अरूणाचल यात्रा के दौरान मीडिया से कहा कि वो प्राचीन भारतीय सभ्यता के संदेशवाहक हैं।
वहीं चीन का कहना है कि दलाई लामा की इस यात्रा से भारत और चीन के रिश्तों में कड़वाहट पैदा होने वाली है इससे पहले चीन की ओर से कथित तौर पर ये चेतावनी आई थी कि अगर दलाई लामा ने अरूणाचल के दौरे पर गए इसके परिणाम अच्छे नहीं होगे।
दलाई लामा ने कहा कि चीनी और भारतीय दोनों ही उनसे स्नेह रखते है लेकिन चीन में कुछ छोटी सोच वाले व्यक्ति भी हैं जो उनको राक्षस समझते है। दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश में साल 1983 से अब तक 6 यात्राएं कर चुके हैं और अंतिम बार वे साल 2009 में अरूणाचल गए थे। चीन ने कई बार कहा है कि दलाई लामा की तवांग यात्रा से भारत और चीन के आपसी रिश्तों पर असर पड़ेगा है। जबकि भारत ने चीन के विरोध के बावजूद दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा को मंज़ूरी दे दी है।