भोपाल: बारात बैंड-बाजे और धूमधाम से निकले इसके लिए जब तीन-तीन थानों की पुलिस बुलानी पड़े तो हालात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ख़बर मालवा के एक गांव से है जहाँ एक दलित व्यक्ति को अपनी बेटी की शादी में पुलिसवालों को बुलाना पड़ा।
गांव में सालों बाद कोई दलित दूल्हा बैंड-बाजे के साथ अपनी दुल्हन के दरवाज़े सुरक्षित पहुंच पाए, इसलिए शादी में भारी तादाद में पुलिस बल लाठी से लेकर राइफल और आंसू गैस के गोले तक लेकर पहुंची।
रविवार को मालवा ज़िले के माना गांव में चंदर मेघवाल को अपनी बेटी ममता की शादी के लिए ऐसा ही इंतज़ाम करना पड़ा।
दरअसल चंदर को गांव के दबंगों ने चेतावनी दी थी कि शादी में कोई चमक-दमक नहीं होनी चाहिए। दबंगों ने सिर्फ ढोल बजाने की इजाजत दी थी और कहा था कि कोई बैंड बाजा नहीं होना चाहिए।
यही नहीं बारात को मेन रोड की बजाय पीछे की संकरी सड़क से ले जाने को कहा था। लेकिन एक पिता अपनी बेटी की शादी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था।
इसलिए दबंगों की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दफ्तर तक की गई, जिसके बाद शादी के लिए पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित की गई। तीन थानों की पुलिस बुलाई गई। इसके बाद बैंड भी बजा, दूल्हा मोटरसाइकिल पर आया। आगे बारात और पीछे पुलिस। इस जश्न ने दुल्हन के चेहरे की चमक बढ़ा दी।
बता दें कि इलाके में गुज्जर समुदाय के दंबगों ने सालों से दलित दूल्हों के घोड़ी पर बैठने को लेकर ‘पाबंदी’ लगा रखी है। चंदर मेघवाल को कहा गया था कि अगर उन्होंने ‘नियम’ तोड़ा तो उनके परिवार को सार्वजनिक कुएं से पानी भरने नहीं दिया जाएगा और मंदिरों में भी प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
वहीँ, अब चंदर का कहना है कि अगर उन्हें फिर से धमकी मिली तो वे प्रशासन में फिर शिकायत करेंगे।