गुजरात पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि भावनगर में मारे गए दलित युवक को इसलिए नहीं मारा गया कि वह दलित था बल्कि उसे इसलिए मारा गया क्योंकि वह घोड़े पर स्टंट करके स्थानीय लड़कियों को परेशान किया करता था।
उसकी इस तरह की गतिविधियों के कारण गांव वाले बहुत परेशान थे। जिले के पुलिस अधिक्षक प्रवीण मल के मुताबिक जांच में पता चला है कि 21 साल के प्रदीप राठौड़ को इसलिए नहीं मारा गया कि वह दलित था या फिर ऊंची जाति के लोगों को उसके घोड़ा रखने से आपत्ति थी।
एफआईआर में यह दर्ज कराया गया है कि उसे अपने पास घोड़ा रखने के कारण मारा गया जबकि प्राथमिक जांच में ये सामने आया है यह असल वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि युवक के आपत्तिजनक व्यवहार के लिए भी बहुत सी शिकायतें की गईं थीं, शायद इसलिए कुछ लोगों ने उसे मार दिया।
पुलिस ने आगे कहा कि वह आरोपियों को पकड़ने और उसकी हत्या की असल वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि घोड़ी खरीदने और उसकी सवारी करने के चलते दबंगों पर दलित युवक की हत्या करने का आरोप लगा है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान युवक के चरित्र को लेकर उन्हें बहुत सी शिकायतें मिलीं। कुछ गांव वालों ने इस बात की भी शिकायत की कि जब भी उसके आस-पास लड़कियां होती थी तो वह घोड़े और मोटरसाइकिल से स्टंट किया करता था।
वह लड़कियों को परेशान करने के साथ ही झगड़ा भी किया करता था जिस कारण लोग उससे परेशान हो चुके थे। दो महीने पहले गांव टींबी में रहने वाला 21 साल का प्रदीप राठोड घोड़ी खरीदकर लाया था।
आरोप है कि जब भी शाम को वह घोड़ी से अपने खेत की ओर निकलता तो गांव के दबंग लोग उसे घोड़ी पर बैठने से मना करते और धमकी देते थे। बृहस्पतिवार को भी वह हमेशा की तरह घोड़ी से खेत पर गया और कहा कि वह रात में लौटेगा। देर रात तक नहीं लौटने पर उसकी तलाश शुरू की गई।
शुक्रवार सुबह प्रदीप और घोड़ी दोनों के शव गांव के बाहर मिले। गुजरात के सामाजिक न्याय मंत्री ईश्वर परमार ने जिले के डीएम और एसपी को जल्द जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।