मानवाधिकार समूह की रिपोर्ट : BJP सरकार में मुठभेड़ों के नाम पर हो रही दलित और मुसलमानों की हत्याएं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आने के बाद से शुरू हुआ पुलिस मुठभेड़ों का सिलसिला सवालों के घेरे में आ गया है। हिन्दुस्तान लाइव में प्रकाशित मानवाधिकार क्षेत्र में काम करने वाले एक संगठन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गत दिनों उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्याएं गैर-कानूनी हैं, साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मुठभेड़ों का शिकार ज्यादातर दलित और मुसलमान हुए हैं।

योगी सरकार को राज्य की कमान संभाले एक साल से ज्यादा समय हो चुका है। इस बीच गत 12 महीनों के दौरान राज्य में 1200 से अधिक पुलिस एनकाऊंटर हुए हैं, जिनमें 50 से ज्यादा बदमाशों को मार गिराने का दावा किया गया है।

मानवाधिकार समूह ‘सिटीजन अगेंस्ट हेट’ ने 8 मई को दिल्ली में 2017-2018 के दौरान उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ की 16 और मेवात क्षेत्र की 12 घटनाओं पर अपनी जांच रिपोर्ट जारी की।

रिपोर्ट पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने उत्तर प्रदेश में हुई पुलिस मुठभेड़ों को हत्या करार देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अपनी स्वतंत्र टीमें भेजकर इस मामले की जांच करानी चाहिए। इसके लिए ‘सिटीजन अगेंस्ट हेट’ के सदस्यों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच.एल. दत्तू से भी मुलाकात की।