हरियाणा में सामाजिक बहिष्कार का शिकार हुए दलित धरने पर बैठे

हरियाणा: हिसार के गांव भाटला में बीते महीने में सावर्जनिक नल से पानी भरने को लेकर हुए झगड़े में दलितों के साथ मारपीट का मामला सामने आया था।
जब इस मामले की शिकायत पुलिस में की तो उसके बाद दलित परिवार के कथित सामाजिक बहिष्कार करने का मामला तूल पकड़ गया है।

दलित समाज के लोग मांग कर रहे है कि आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज करके सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। इस मामले में दलित समाज के लोगों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। इन दलितों के धरने का जहां रविवार को तीसरा दिन था, वहीं भूख हड़ताल का पहला दिन है।

3 दिनों से हांसी में धरने पर बैठे दलित समाज के इन लोगों को गाँव वालों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन ने भी मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए।

गांव भाटला के सरपंच पुनीत और अन्य लोगों ने धरना स्थल पर आकर दलितों को पूर्ण न्याय और सभी को पूर्ण सुरक्षा का भरोसा देते हुए उन्हें धरना खत्म करने के लिए कहा।

लेकिन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक उन्होंने धरना खत्म करने से मना किया।

धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेशनल अलायन्स फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कल्सन ने बताया कि हांसी के एएसपी राजेश कुमार धरने पर आए उनके साथ गांव के सरपंच सहित डीएसपी नरेंद्र कादियान व शहर थाना प्रभारी शेर सिंह भी थे।

हांसी के एएसपी राजेश कुमार से बात करते हुए रजत कल्सन ने कहा कि सामाजिक बहिष्कार के मामले में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा व गिरफ्तारी की जाए। इस पर एएसपी ने कहा कि वे इस मामले में कानूनी राय लेंगे व उन्होंने दलितों को वापिस गांव जाने को कहा।