नई दिल्ली 02 अप्रैल। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान हटाने के फैसले के विरोध में आज दलितों के ‘भारत बंद’ के दौरान कई स्थानों पर हिंसक घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मृत्यु हो गई और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि देश भर के विभिन्न हिस्सों में दलित समाज के कई संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन किए। कई स्थानों पर तोड़ फोड़, आगजनी, यातायात जाम करने, रेल पटरियां उखाड़ने तथा पुलिस के साथ झड़पें की खबरें मिली है। कई शहरों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। दलित संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद से जनजीवन व्यापक रूप से प्रभावित रहा। कुछ स्थानों पर बाजार बंद रहे और वाहन नहीं चले।
I am against violence, says @jigneshmevani80 to @gopimaniar
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राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन की खबरें मिली हैं, जबकि पंजाब में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गयी हैं। कई शहरों में रेल, सड़क यातायात बंद और वाहनों को आग लगाने के समाचार भी मिलें हैं। राजस्थान में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं।
इसके अलावा उत्तराखंड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, झारखंड, गोवा, ओडिशा, तेलंगाना और गुजरात में भी दलित समाज के संगठनों ने न्यायालय के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दो तथा मुरैना तथा भिंड में एक-एक व्यक्ति की मौत की ख़बर है।
राजस्थान के अलवर में एक व्यक्ति की मौत की सूचना है। इन सभी स्थानों में हिंसक प्रदर्शन के दौरान सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की भी खबरें हैं।
इस बीच, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के संबंध में हाल में आये फैसले के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर कर दी है। उन्होंने सभी पार्टियों, संगठनों और लोगों से हिंसा नहीं भड़काने तथा शांति बनाये रखने की अपील की है।

भारत बंद के दौरान विभिन्न राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों से उत्पन्न स्थिति पर केन्द्र सरकार कड़ी नजर बनाए हुए है और हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में त्वरित कार्य बल एवं अर्द्धसैनिक बलों की चार-चार कंपनियां भेजी गयी हैं।
गृह मंत्रालय के अनुसार बंद और हिंसा से प्रभावित गुजरात, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में स्थिति की निगरानी की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुलिस पूरी तरह चौकस है और सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्य बल की दो कंपनी मेरठ में तथा एक-एक कंपनी हापुड़ तथा आगरा में भेजी गई है। मध्य प्रदेश में ग्वालियर तथा भोपाल में दो-दो कंपनियां भेजी गई हैं।
इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न निवारक अधिनियम के संबंध में हाल में आए फैसले के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है और वह सभी पार्टियों, संगठनों और लोगों से अपील करते हैं कि वे हिंसा न भड़कायें तथा शांति बनायें रखें।
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