दार्जिलिंग में भड़की हिंसा, गोरखा प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में की तोड़फोड़

दार्जिलिंग। गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जी एन एल एफ) के कार्यकर्ता तिसी बोटिया की कल रात कथित तौर पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मौत की घटना के बाद दार्जिलिंग हिल्स में आज हिंसा भड़क उठी।

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गोरखा प्रदर्शनकारियों ने सूनादा थाना का घेराव करके सुरक्षा बलों पर पथराव किया। पुलिस ने हिंसा पर भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं।

रिपोर्ट मिलने तक थाने का घेराव जारी था। दूसरी ओर, गोरखालैंड की मांग पर दार्जिलिंग हिल्स के विभिन्न राजनीतिक दलों की गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति (जी एमसीसी) की अपील पर एक असीमित बंद आज 27 वें दिन में प्रवेश कर गया।

जीएनएलएफ के नेता नीरज जम्बा ने आरोप लगाया कि तिसी की मौत कथित तौर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की गोलीबारी में कल रात लगभग 11 बजे उस समय हुई जब वह दवाई लेने जा रहा था।

एक चश्मदीद ने बताया कि सुरक्षा बलों ने उस समय गोलियां चलाईं, जब कुछ बदमाश एक कार में तोड़फोड़ कर रहे थे। दार्जिलिंग जिला प्रशासन और पुलिस ने सूनादा में सुरक्षा बलों द्वारा गोलीबारी किए जाने से इनकार किया है। मृत व्यक्ति के परिजनों ने इस मामले की सूनादा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

तिसी की मौत की खबर फैलते ही घटना के विरोध में पुरुषों और महिलाओं की भीड़ सड़कों और गलियों में उतर आया और यातायात जाम कर दिया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के सहायक सचिव विनय तमांग ने आरोप लगाया कि तिसी की मौत के साथ ही दार्जिलिंग हिल्स में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में अब तक चार गोरखा समर्थक मारे जा चुके हैं।

इस बीच राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने सिलीगुड़ी में संवाददाताओं से कहा कि इस युवक की मौत दुखद है। वह यह नहीं कह सकते कि उसकी मौत कैसे हुई है, लेकिन सूनादा में सुरक्षा बलों द्वारा फायरिंग नहीं की गई।