दो ग़रीब रक्षा रानों की दर्दनाक कहानियों पर मिल्लत का हौसला अफ़ज़ा-ए-रद्द-ए-अमल
हैदराबाद २२। अगस्त : ( नुमाइंदा ख़ुसूसी ) : हैदराबाद की कोई ऐसी सड़क नहीं जिस पर मेरा पसीना ना गिरा हो , पहले की तरह मेरे पाओ में दम नहीं रहा । ये शहर के इन दो ज़ईफ़ और ग़रीब रक्षा रानों के अलफ़ाज़ थे जो उन्हों ने 9 अगस्त को सियासत केनुमाइ