पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दिव्य ज्योति पंथ के संस्थापक आशुतोष महाराज के शव को फ्रिजर में रखे जाने की इजाजत दे दी है। साल 2014 में आशुतोष महाराज की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई थी, लेकिन उनके भक्तों का मानना है कि वो गहरे ध्यान में लीन है और एक दिन जीवित होकर वापस उठेंगे। इसके लिए उनके भक्तों को उनकी देह फ्रिजर में संरक्षित रखने की इजाजत मांगी थी।
बता दें कि इससे पहले 1 दिसंबर 2014 को जस्टिस एमएमएस बेदी की सिंगल बेंच ने आशुतोष महाराज के शरीर का अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि आशुतोष महाराज क्लिनिकली डेड को चुके हैं। लिहाजा, उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए।
दरअसल, उनका बेटा होने का दावा करने वाले दिलीप कुमार झा ने मांगी की थी कि उनके पिता का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार की इजाजत दी जाए। लेकिन मौजूदा फैसले में कोर्ट ने 2014 के उस फैसले को पलट दिया है।
कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद उनके बेटे ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोर्ट उनके भक्तों की उनके जीवित रहने की दलील से सहमत है। वहीं उनके प्रवक्ता स्वामी विशालानंद ने दावा करते हुए कहा है कि आशुतोष महराज वो मरे नहीं हैं। मेडिकल साइंस योग विज्ञान की चीजें नहीं समझता है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे। हमें पूरा विश्वास है कि वो वापस लौटेंगे।