ढाका: रोहिंग्या संकट से निपटने के लिए चीन ने बांग्लादेश से दोस्ती निभाने का वादा किया है। बांग्लादेश की तरफ से शनिवार को जारी बयान में कहा गया कि रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के लिए चीन को उसकी मदद करनी चाहिए।
Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये
उनहोंने कहा कि म्यांमार पर दबाव बनाने के लिए जल्द ही बांग्लादेश और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक होगी। वहीँ चीन ने कहा है कि बांग्लादेश और म्यांमार को आपसी बातचीत के जरिये शरणार्थियों की समस्या का समाधान करने की कोशिश की जानी चाहिए, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए।
चीनी विदेश मंत्री वांग जी ने ढाका में चीनी दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा म्यांमार और बांग्लादेश को इस संकट को हल करने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का इंतजार नहीं करना चाहिए। इस संकट को हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को लाकर इस मामले को और जटिल बनाने के बजाय दो तरफ़ा बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए।
वहीँ बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए एच महमूद अली ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की, इस दौरान दोनों नेताओं के बीच रोहिंगिया संकट से निपटने पर भी चर्चा हुई। इस बैठक से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इसका एक सकारात्मक परिणाम आएगा।
बता दें कि लगभग 6 लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है, और शिविरों में अपनी जिंदगी गुजर रही है, इनकी जिम्मेदारी को लेकर बांग्लादेश सरकार पर दबाव बना हुआ है।