जज लोया की मौत, इंसाफ को हार्ट अटैक

नई दिल्ली: दिल्ली के अंग्रेजी मैगज़ीन ‘कारवां’ ने जज लोया की मौत के इर्द गिर्द कुछ सवाल उठाकर कयामत मचा दी है। दरअसल जज लोया गुजरात में सोहराबुद्दीन इनकाउंटर मामले में सीबीआई अदालत के जज थे।

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उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को जाती तौर से अदालत में उपस्थित होने का आदेश सुनाया था। उनकी मौत के बाद सीबीआई अदालत में एमबी गोसावी जज नियुक्त हुए उन्होंने एक महीने के अंदर ही अमित शाह को बाइज्जत बरी कर दिया।

यह मामले इतने पेचीदा नहीं हैं कि किसी जज की मौत पर हत्या का शक किया जाये, नये जज एमबी गोसावी ने 30 दिसंबर 2014 के फैसले में अमित शाह को राजनितिक वजहों की बिना पर फंसाने की बात भी कही थी। लेकिन कारवां मैगज़ीन ने जज जज लोया की बेटी के हवाले से यह खबर भी दी है कि हाईकोर्ट के एक जज ने सवार्गीय को सौर करोड़ रिश्वत दिलाने की पेशकश भी की थी जिसको लोया ने रद्द कर दिया था।

कारवां की रिपोर्ट के बाद ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने भी एक विस्तृत रिपोर्ट छापी जिसने ‘कारवां’ की रिपोर्ट में किये गए कई एतराज़ पर गवाही की गैर मौजूदगी की बात कही है। लेकिन कई एतराज़ को रफा हो जाने के बावजूद जज ब्रिजमोहन हरी किशन लोया की मौत अधिक संदिग्ध हो गई है। सूचना के मुताबिक जज लोया (४८) एक दिसंबर 2014 को दिला का दौरा पड़ने से इन्तेकाल कर गए लेकिन इंडियन एक्सप्रेस, कारवां और एनडीटीवी के मुताबिक उनकी मौत पर कई सवाल उठते हैं।