देहरादून: गुलिस्तां अंसारी अपना घर चलाने के लिए चला रही हैं ई-रिक्शा

देहरादून: देहरादून की गुलिस्तां अंसारी अपने घर की रोज़ मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ई रिक्शा चलाती हैं। आम तौर पर मुस्लिम महिलाओं पर घर की दहलीज़ पार करने पर पाबंदी होती है, लेकिन देहरादून में रहने वाली गुलिस्तां अंसारी अपना और अपने घर वालों का पेट पालने के लिए घर की दहलीज़ पार करके ई रिक्शा चलाकर हौसला की एक नई मिसाल पेश कर रही हैं।

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रात के अँधेरे में हाथों में ई रिक्शा का हैंडल थामे गुलिस्तां अंसारी को जो भी देखता है, वह उनकी हिम्मत और जज्बे को सलाम करता है। घर में आर्थिक तंगी ने गुलिस्तां को इस क़दर मजबूर कर दिया कि 6 बहनों में सबसे छोटी गुलिस्तां ने परिवार के खर्चे उठाने की ज़िम्मेदारी खुद उठाने का फैसला किया कर लिया है और देहरादून की सडकों पर गुलिस्तां अंसारी एक चलती फिरती मिसाल बन गई हैं।

हालाँकि गुलिस्तां अंसारी के लिए ई रिक्शा चलाने का फैसला आसान हरगिज़ नहीं था लेकिन जब नियत ऊँची हो हौसले मजबूत हों तो फिर हर मुश्किल आसान बनाया जा सकता है। यही वजह है कि आज गुलिस्तां अंसारी कड़ाके के ठंड की रात में भी शहर की सडकों पर सवारियों का इंतज़ार करती हैं। लोग उनकी हिम्मत से इतने आकर्षित हैं कि अब खुद फोन करके भी उनके रिक्शा की बुकिंग करते हैं।