दिल्ली: धर्म के आधार पर हिन्दू- मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग कमरों में बिठाने के मामले में स्कूल इंचार्ज निलंबित!

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक स्कूल इंचार्ज को हिंदुओं और मुस्लिमों छात्रों को अलग-अलग सेक्शनों में बिठाए जाने के आरोप के निलंबित कर दिया गया है। स्कूल इंचार्ज के खिलाफ यह कार्रवाई प्राथमिक जांच के बाद किया गया है।

साथ ही स्कूल से 25 अक्टूबर तक छात्रों को सेक्शन आवंटित करने में अपनाई गई प्रक्रिया का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है। उत्तरी एमसीडी के मेयर अदेश गुप्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर रिपोर्ट की मांग की गई है, अगर कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसे दंडित किया जाएगा। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, एमसीडी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है सब बराबर हैं।

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने एमसीडी स्कूल प्रमुख को 25 अक्टूबर तक छात्रों को सेक्शन आवंटित करने में अपनाई गई प्रक्रिया का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निगम के स्कूल में हिंदुओं और मुस्लिमों को अलग-अलग सेक्शनों में बिठाया जाता है। यहां बच्चों को धर्म के आधार पर बांट दिया गया है, ताकि वे फर्क महसूस करें और दूसरे धर्म के बच्चों से नफरत करना सीखें।

डीसीपीसीआर ने कहा, ‘नोटिस में स्कूल प्रमुख को यह निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों का बीते छह महीने का अटेंडेंस का रिकॉर्ड और जुलाई में हुए सेक्शन बंटवारे से पहले और बाद किस क्लास में कितने बच्चे हैं, इसकी जानकारी दें।

बच्चों को अलग-अलग सेक्शन में किस आधार पर डाला गया है, अलग-अलग कक्षाओं में अलग-अलग धर्म के बच्चों को बैठाने का कारण बताएं।

आयोग ने एनडीएमसी के शिक्षा निदेशक को इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने और घटनाओं का विवरण आयोग के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया है। डीसीपीसीआर ने यह भी आदेश दिया है कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने बुधवार को अपनी खबर में बताया था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा वजीराबाद में तैनात कुछ शिक्षकों कथित रूप से एक प्राथमिक विद्यालय में हिंदू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग सेक्शनों में बांट रहे हैं।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी शुक्रवार तक रिपोर्ट मांगी है। सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा, ‘भाजपा शासित एमसीडी स्कूल में धर्म के आधार पर बच्चों को अलग-अलग कमरों में बिठाने की यह हरकत देश के संविधान के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है। मैंने दिल्ली के शिक्षा निदेशक को मामले की पूरी जांच कर शुक्रवार तक रिपोर्ट देने को कहा है।