दिल्ली पुलिस की बर्बरता, जांच के नाम पर एक्साइज इंस्पेक्टर, टैक्स असिस्टेंट और डॉक्टर को बेरहमी से पीटा

गणतंत्र दिवस की सुरक्षा के नाम पर दिल्ली पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है दैनिक अख़बार अमर उजाला की खबर के मुताबिक घटना 21 जनवरी की है।

बाहरी दिल्ली के मियांवाली नगर में  थाने के  आठ-दस पुलिस कर्मियों पर आरोप लगा है की उन्होंने ने छह युवकों को बेवजह बेरहमी से पीटा।

खबर के मुताबिक तीन लड़कों का बुजुर्ग पिता रातभर बच्चों को छोड़ने की गुहार लगाता रहा। उससे तीन लाख रुपये की मांग की गई। सुबह किसी तरह 25 हजार रुपये लेकर सभी युवकों को छोड़ा गया।

बुजुर्ग पिता ने मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस आयुक्त से की। मामले का वीडियो भी सामने आया, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए शनिवार रात एसएचओ मियांवाली नगर को लाइन हाजिर कर दिया गया।

वहीं पूरे मामले की जांच के भी आदेश दे दिए गए। जिन छह युवकों की पिटाई हुई उनमें एक एक्साइज इंस्पेक्टर, एक आयकर विभाग में टैक्स असिस्टेंट व एक एनआरआई डॉक्टर है।

पुलिस के मुताबिक बुजुर्ग महावीर सिंह सैनी परिवार के साथ पश्चिम विहार में रहते हैं। इनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा सचिन सैनी आयकर विभाग में टैक्स असिस्टेंट है, वहीं छोटा पंकज सैनी एक्साइज डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर है, तीसरा आकाश सैनी अभी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।

21 जनवरी को पंकज और आकाश मियांवाली पेट्रोल पंप के बाहर सचिन का इंतजार कर रहे थे। सचिन अपने दोस्त नितिन नायर, दीपक गर्ग और राहुल जैन के साथ पार्टी में आया था। वहां से तीनों भाइयों को साथ जाना था।

सभी छह लड़के रात 12.15 बजे वहां खड़े थे। इसी दौरान तीन-चार पुलिसकर्मी पहुंच गए। उन्होंने आते ही गाली-गलोच शुरू कर वहां खड़े होने का कारण पूछा। राहुल व दीपक ने बताया कि वह सचिन को छोड़ने आए हैं।

आरोप है कि बातचीत के दौरान पुलिस कर्मियों ने लड़कों को पीटना शुरू कर दिया। कुछ ही देर बाद वहां पर मियांवाली थाने के एसएचओ भी पहुंच गए। आरोप है कि आठ-दस पुलिस कर्मियों ने सभी लड़कों को जमीन पर गिराकर बुरी तरह पीटा।

घटना पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई। पीटते हुए सभी युवकों को नजदीकी थाने में ले जाया गया। वहां पर एक कमरे में बंदकर दुबारा सब की पिटाई की गई।

लड़कों से उनके मोबाइल और कार की चाबी छीन ली। किसी तरह महावीर सैनी को मामले का पता चला तो वह थाने पहुंच गए। आईओ से बातचीत की गई तो उसने बताया कि सभी लड़के वहां पर झगड़ा कर अशांति फैला रहे थे।

आरोप है कि थाने में महावीर को धमकाया गया। सभी को छोड़ने के लिए उनसे तीन लाख रुपये की मांग की गई। इस बीच अन्य लड़कों के कुछ परिजन आ गए। सुबह तक बात 25 हजार रुपये में हुई।

रुपये लेकर सभी को छोड़ा गया। इधर महावीर ने जब अपने लड़कों के शरीर पर पिटाई के निशान देखे तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने मामले की लिखित शिकायत पुलिस आयुक्त से की। शुरुआती जांच के बाद शनिवार को एसएचओ को लाइन में भेज दिया गया।

महावीर व बाकी लड़कों के परिजन बच्चों की पिटाई की वारदात से बेहद खफा हैं। गणतंत्र दिवस की सुरक्षा के नाम पर उनके बच्चों को बुरी तरह पीटा गया।

यही नहीं बाद में डीसीपी, एसीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नोटिस में मामला होने की बात कर उनसे केस खत्म करने के तीन लाख मांगे गए।

रातभर लड़कों को अवैध रूप से थाने में रखकर उन्हें पीटा गया। बाद में रुपये लेकर उन्हें छोड़ा गया। परिजनों की मांग है कि आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर भ्रष्टाचार का भी मामला दर्ज किया जाए।

पीड़ित लड़के अच्छे पदों पर तैनात है। नितिन नायर कनाडा में परिवार के साथ रहता है। वह एनआरआई होने के साथ कनाडा में डॉक्टर है। नितिन, दीपक, सचिन व राहुल बचपन के दोस्त हैं।

सभी स्कूल में एक साथ पढ़े भी हैं। सचिन सैनी व उसका भाई पंकज सरकारी नौकरी करते हैं। वहीं दीपक और राहुल दिल्ली में अपना कारोबार करते हैें। आकाश सैनी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हैै।

मधुर वर्मा, पुलिस उपायुक्त व दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने बताया की ‘जांच के बाद एसएचओ मियांवाली नगर को लाइन हाजिर कर दिया गया है, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है, जांच में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

 

साभार- अमर उजाला