दिल्ली में तीन तलाक़ बिल के खिलाफ़ मुस्लिम महिलाओं ने दिखाई ताकत, मोदी सरकार के खिलाफ़ भरी हुंकार

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महिला विंग द्वारा आज दिल्ली के रामलीला मेदान मे तीन तलाक बिल के विरोध मे हजारों महिलाएं इकट्ठा हुई हैं देश भर के कोने कोने से रामलीला मैदान दिल्ली पहुची यह महिलाएं तीन तलाक के बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं।

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जानकारी के मुताबिक रामलीला मैदान मे आयोजित तीन तलाक बिल को मोदी सरकार वापस ले यह शरियती कानून के खिलाफ हैं की तख्तियां लिये हजारो की सख्या मे महिलाऐ नारेबाजी कर रही हैं।

भोपाल से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोड के कार्यकाणी के सदस्य आरिफ मसूद ने भी इस कार्यक्रम के लिये भी सेकडों की सख्या मे महिलाओ को भोपाल से दिल्ली रामलीला मैेदान के लिये भेजा हैं यह भोपाल की महिला विंग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की महिला विंग द्वारा रामलीला मैदान पर दिए जा रहे धरने में शामिल होंगी।

मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक के विरोध में पूरे देश के 180 शहरों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसी तरह से खामोश जूलुस निकाला है।

पिछले दो महीने से इस संगठन से जुड़ी मुस्लिम महिलाएं इस बिल का विरोध सड़कों पर उतर कर इसी अंदाज में कर रही हैं. दिल्ली उनका आखिरी पड़ाव था।

इस सवाल के जवाब में उस्मां पारेख कहती हैं, “दिक्कत न होती तो दोपहर में इस चिलचिलाती धूप में हमें पंखे की ठंडी हवा क्या काटती है।
तुंरत माइक अपनी तरफ़ करते हुए उस्मां कहती हैं, “पूरे बिल में ही दिक्कत है। इस बिल में मुस्लिम महिलाओं के हक़ की एक भी बात नहीं है।

हम चाहते हैं कि इस बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए। अगर सरकार को बिल लाना ही है तो लड़कियों की पढ़ाई को लेकर बिल लाएं, हम उसका पूरी तरह सपोर्ट करेंगे।

उस्मां का गुस्सा इससे पहले की और ज्यादा बढ़ता, बगल में खड़ी दूसरी उम्र दराज़ महिला यास्मिन फारुखी ने तुरंत मोर्चा संभाला। सधी हुई आवाज़ में कहा, “ये एक साजिश है। तलाक को आपराधिक बनाना।

अगर ये बिल पारित हो गया तो हर मुसलमान मर्द को जेल में भर दिया जाएगा। मुस्लिम महिला वैवाहिक अधिकार संरक्षण बिल तीन तलाक़ को अपराध करार देता है।

तलाक़-ए-बिद्दत के मामले में पति को तीन साल तक की सज़ा हो सकती है। इस बिल में तलाक़ के बाद पत्नी को गुजारा भत्ता देने की भी बात कही गई है।