पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा अपनी आगामी किताब में नोटबंदी को लेकर आलोचना की गई है। सुब्रमण्यम ने नोटबंदी को ‘कठोर कदम, बड़े पैमाने पर मौद्रिक झटका’ करार दिया था, जिससे अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ गई जो सात तिमाहियों तक गिरती रही, और 6.8 फीसदी तक लुढ़क गई, जबकि नोटबंदी से पहले यह 8 फीसदी की दर से बढ़ रही थी।
इस पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गुरुवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा, “पूर्व सीईए ने आखिरकार नोटबंदी से हुई बर्बादी पर अपनी वास्तविक भावनाओं को उजागर कर ही दिया। जाहिर है कि सरकार में रहते हुए सर्वोच्च नेता की आलोचना संभव नहीं थी।
Demonetisation was a massive, draconian, monetary shock that hurt Indian economy, said Arvind Subramanian
Growth had been slowing even before, but after demonetisation, the slide worsened, he added@arvindsubraman https://t.co/pWjQcqyG52
— Business Standard (@bsindia) November 29, 2018
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में 8 नवंबर को की गई नोटबंदी को लेकर पूरी तरह से ‘अपारदर्शिता’ बनी हुई है और सुब्रमण्यम की ‘जिम्मेदारी’ है कि वे देश को बताए कि ‘यह कैसे हुआ।
तिवारी ने कहा, “चूंकि सुब्रमण्यम तब सीईए थे, तो उनकी जिम्मेदारी है कि राष्ट्र को बताएं कि आखिर हुआ क्या था? आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की बैठक कब हुई? क्या इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी या मंत्रिमंडल ने इसके लागू होने के बाद पूर्व प्रभाव से मंजूरी दी?”
साभार- ‘ज़ी न्यूज़’