अमेरिका के अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड थेलर का मानना है कि मोदी सरकार का नोटबंदी का कॉन्सेप्ट अच्छा था लेकिन उसे लागू करने में बड़ी चूकें हुईं।
थेलर ने कहा कि 2000 रुपये का नोट लाना समझ से परे है। इससे काला धन खत्म करना और देश को कैश लेस इकॉनमी बनाने जैसे उद्देश्य भी मुश्किल हो गए। यह बात थेलर ने शिकागो यूनिवर्सिटी के छात्र स्वराज कुमार के सवाल के जवाब में कही।
शिकागो यूनिवर्सिटी के छात्र स्वराज कुमार ने ट्विटर पर थेलर के साथ ई-मेल पर हुई बातचीत साझा की है।
नोटबंदी पर पूछे गए सवाल पर थेलर ने ईमेल से जवाब दिया, ‘कैशलेस सोसायटी की ओर बढ़ने और भ्रष्टाचार मिटाने के लिए यह कॉन्सेप्ट अच्छा था, लेकिन इसको लागू करने में बड़ी गलतियां हुईं और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए जाने से यह पूरी प्रक्रिया टेढ़ी-मेढ़ी हो गई।’ स्वराज के ट्वीट को थेलर ने रीट्वीट भी किया।