खुलासा : राजन के गवर्नर रहते ही छप गए थे उर्जित पटेल के हस्ताक्षर वाले 2000 के नोट

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 रुपए के नए नोट को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार नए नोट पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर हैं लेकिन इन नोटों की छपाई का काम तभी शुरू हो गया था जब रघुराम राजन गवर्नर पद पर थे। 2000 रुपए के नोट छापने वाली आरबीआई की दो प्रिंटिंग प्रेस ने यह जानकारी है कि नोटों की छपाई की पहली प्रक्रिया 22 अगस्त 2016 को शुरू हुई थी।

मिली जानकारी के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस ने जानकारी दी कि गवर्नर पद के लिए उर्जित पटेल के नाम की घोषणा होने के बाद यह पहला कार्य दिवस था। पटेल ने तब तक रघुराम राजन से चार्ज नहीं लिया था। नोटों पर राजन की जगह पटेल के हस्ताक्षर होने पर सवाल भी खड़े होने लगे थे। इस बात को लेकर आरबीआई और वित्त मंत्रालय से ईमेल के जरिए जानकारी मांगी गई थी कि 2000 रुपए के नए नोट को जारी करने में रघुराम राजन की भूमिका थी या नए नोटों में किसी और वजह से उनके हस्ताक्षर नहीं रखे गए।

इसका कोई जवाब नहीं मिला। ऐसा ही एक ईमेल रघुराम राजन को भी भेजा गया लेकिन उनकी तरफ से भी इसका कोई जवाब नहीं आया। दिसंबर में रिज़र्व बैंक ने संसदीय समिति को बताया कि 2000 रुपए के नोट छापने के लिए उन्हें 7 जून 2016 को अनुमति मिली थी। आमतौर पर नोटों की प्रिंटिंग की अनुमति मिलने पर तुरंत यह काम शुरू कर दिया जाता है। लेकिन इस मामले में काम के शुरू होने में करीब ढाई महीने का वक्त लगा।

प्रेस ने 22 अगस्त से नए नोट छापने शुरू किए। रिज़र्व बैंक बोर्ड और बीआरबीएनएमपीएल के पूर्व सदस्य विपिन मलिक के मुताबिक पहले आरबीआई बोर्ड नोटों पर बदलने वाले सिक्योरिटी फीचर के प्रस्ताव को पास करता है और फिर उसकी पुष्टि के लिए बीआरबीएनएमपीएल को भेजता है। 2000 रुपए के नोटों की छपाई को लेकर सारी जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) से दी गई। यह सेंट्रल बैंक के अधीन एक संस्था है।
कंपनी ने आरटीआई की एक जानकारी में बताया कि 500 रुपए के नए नोट की छपाई 23 नवंबर से शुरू की गई थी।