भारत की टॉप आईटी कंपनियों के एच-1बी वीजा अप्रूवल में भारी कमी आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015-17 के दौरान इसमें 43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
द नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी की ओर से ये रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017 के लिए भारत की टॉप 7 आईटी कंपनियों के सिर्फ 8,468 आवेदन स्वीकृत हुए। 2015 की तुलना में इसमें 43 फीसदी की कमी आई है, जब 14,792 एच-1बी वीजा जारी किए गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया, “2017 के दौरान कुल 1 लाख 99 हजार आवेदन किए गए थे जो कि लिमिट से 1,05,000 ज्यादा थे। समस्या ये नहीं है कि कौनसी कंपनियां वीजा हासिल कर रही हैं बल्कि दिक्कत ये है कि अमेरिका जैसे देश की इकोनॉमी को देखते हुए 85,000 एच-1बी वीजा की लिमिट काफी कम है।”
“2016 की तुलना में 2017 में सिर्फ टीसीएस और टेक महिंद्रा को मिलने वाले वीजा की संख्या में इजाफा हुआ है। जबकि इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल अमेरिका, लार्सन एंड टुब्रो और माइंडट्री के वीजा अप्रूवल में गिरावट दर्ज की गई है।”
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज से मिले आंकड़ों के आधार पर ये रिपोर्ट जारी की गई है।
द नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी के मुताबिक, इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों की वजह से भारतीय कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा की संख्या में कमी आई है। क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी डिजिटल सर्विसेज में बदलाव की वजह से कर्मचारियों पर निर्भरता काफी कम हो गई है।
ऐसे में कंपनियां एच-1 वीजा के मुकाबले अमेरिका में घरेलू कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। ज्यादातर प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें काफी कम कर्मचारियों की जरूरत है। कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा वीजा में कमी की वजह से ये भी संभव है कि ज्यादातर काम अमेरिका के बाहर करवाया जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी और भारतीय आईटी कंपनियों के क्लाइंट्स की ओर से डिजिटल इंजीनियरिंग और ज्यादा बेहतर सुविधाओं की मांग बढ़ रही है। डेटा एनालिसिस जैसे काम के लिए कर्मचारियों से ज्यादा एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है।
अमेरिका में काम करने के लिए दूसरे देशों के हाइ स्किल्ड कर्मचारियों के लिए जरूरी। आईटी कंपनियों को एच-1बी वीजा की काफी जरूरत पड़ती है क्योंकि आईटी सेक्टर से सबसे ज्यादा कर्मचारी आउटसोर्स किए जाते हैं। भारत से हर साल हजारों कर्मचारी एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिका में नौकरी के लिए जाते हैं।