नरेन्द्र मोदी की तानाशाही सरकार ने लोकतंत्र को कमजोर किया है- अन्ना हजारे

लखनऊ। देश के विख्यात समाजसेवी ने आज नरेंद्र मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। अन्ना हजारे ने आज लखनऊ में नरेंद्र मोदी सरकार पर लोकतंत्र के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

उनका मानना है कि अब जनता के सेवक ही मालिक बन गए हैं। अन्ना हजारे आज अपने लोकतंत्र मुक्ति मोर्चा के सत्यागृह आंदोलन के संबंध में लखनऊ में थे।

पारा क्षेत्र के पारा सदरौना में अन्ना हजारे ने कहा कि देश में 26 जनवरी 1950 से जनतंत्र आ गया। आप लोगों को पता होगा कि सरकारी तिजोरी आम लोग की है।

अन्ना हजारे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकतंत्र को कमजोर किया है। यह तो सिर्फ आश्वासन की की सरकार है। अभी तक देश के किसी भी नागरिक के खाता में 15 लाख रुपया नहीं आया है। इस बार तो हमारा आंदोलन आश्वासन से खत्म नहीं होगा।

यहां पर नेता, मंत्री व अधिकारी आपके सेवक है, लेकिन अब तो सभी सेवक यहां पर मालिक हो गए है। उन्होंने कहा कि संघर्ष से लोकतंत्र मजबूत होता है। अंग्रेज देश से चले गए लेकिन काले अंग्रेज अभी भी है। जनता सर्वसेसवर है।

जनता की सेवा ही पूजा है। उन्होंने कहा कि आरटीआई का कानून बनाया तो जेल गया लेकिन अब लगता है कि जेल जाना गहना है।

अन्ना हजारे ने कहा कि अब 2011 के आंदोलन की तर्ज पर एक बार फिर बड़ा आंदोलन होगा। हमारे देश में सरकार गिरने से डरती है। आंदोलन से नहीं डरती। आप सभी लोगों में अंदर गिराने की शक्ति है। महाराष्ट्र में दो सरकार गिर गई।

अन्ना हजारे ने बताया कि इस बार 23 मार्च को दिल्ली में आंदोलन होगा। 23 मार्च को शहिदी दिवस के दिन आंदोलन होगा। हमारा यह बड़ा आंदोलन किसानों के लिए होगा। अब तो माल खाये मदारी नाच करे मदारी यह चल नहीं पायेगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकपाल बिल को कमजोर कर दिया।

अन्ना हजारे आज दिन में करीब चार बजे से लखनऊ के राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में छात्रों को लोकतंत्र की पाठशाला शीर्षक पर संबोधित करेंगे। इसके बाद आज ही अन्ना हजारे प्रेस कांफ्रेंस भी करेंगे।