ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार साहब 11 दिसंबर को 94 साल के हो गए हैं। दिलीप कुमार यानी मुहम्मद यूसुफ खान का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था। 1991 में भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण और साल 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित होने वाले दिलीप कुमार ने 1950 और 1960 के दशक में ‘आन’, ‘दाग’, ‘देवदास’, ‘मधुमति’, ‘पैगाम’, ‘मुगले आजम’, ‘राम और श्याम’ जैसी कई फिल्मों में शानदार अभिनय से लोगों के दिलों में अमिट जगह बनाई है। दिलीप ने लगभग छह दशकों तक काम करने के बाद 1998 में सिनेमा को अलविदा कह दिया। उनकी आखिरी फिल्म ‘किला’ थी।
May this beautiful festival of Diwali fill your lives with joy, happiness, prosperity and peace. God bless. pic.twitter.com/vGQrzTFbPM
— Dilip Kumar (@TheDilipKumar) October 18, 2017
दिलीप साहब से जुड़ी यादें साझा करते हुए ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी कहती हैं कि दिलीप कुमार साहब उन अभिनेताओं में से थे, जो एक समय में सभी फिल्म निर्माताओं के चहेते थे। हर बड़ा बैनर उनके साथ फिल्म बनाना चाहता था। दिलीप कुमार का होना ही किसी फिल्म को हिट कराने के लिए काफी था।
मैंने फिल्मों में शुरुआत की थी और दिलीप कुमार साहब एक बड़े अभिनेता के तौर पर स्थापित हो चुके थे। उनकी फिल्म दाग, देवदास, आजाद, नया दौर, कोहिनूर और लीडर को फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा जा चुका था। मैं उनके साथ फिल्म करने की तमन्ना अपने दिल में दबाए बैठी थी।
तभी बीआर फिल्मस के बैनर तले बनने वाली फिल्म ‘चाणक्य-चंद्रगुप्त’ का प्रस्ताव मेरे सामने आया। जब मुझे पता चला कि इस फिल्म में दिलीप कुमार बतौर अभिनेता काम करने वाले हैं, तो मैंने तुरंत हां कर दिया। लेकिन पता नहीं क्यों इस फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं हो पाई।
Message from Saira Banu;
On our 51st Anniversary we want to thank our friends n families n millions of fans for their prayers & love 1/ pic.twitter.com/ZLwdn5vfmT— Dilip Kumar (@TheDilipKumar) October 11, 2017
इस फिल्म के ना बन पाने पर ऐसे लगा था जैसे बहुत कुछ खो दिया हो। दिलीप कुमार जी के साथ फिल्म करने का मौका में गंवाना नहीं चाहती थी, लेकिन शायद यह कुदरत को मंजूर नहीं था। लंबे समय बाद 1981 में जब डायरेक्टर मनोज कुमार ने मुझे क्रांति फिल्म में काम करने का ऑफर दिया, तो मैंने तुरंत साइन कर दिया। फिल्म में दिलीप साहब और मेरे कई सीन साथ में शूट किए गए। उनको काम करते वक्त देखना बेहद खूबसूरत अनुभव था।
एक अभिनेता के अभिनय की गहराई दिलीप साहब के भीतर झलकती थी। क्रांति फिल्म की शूटिंग के दौरान वो हर कलाकार के अभिनय को दिशा देते थे। उनकी एक खास बात थी कि कलाकार की गलती पर सुधार के लिए कहते थे, तो अच्छा करने पर तारीफ भी करते थे।
बता दें कि 28 नवंबर को दिलीप कुमार को माइल्ड निमोनिया की शिकायत के बाद डायलिसिस के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। तब उनके एक दोस्त ने ट्विटर पर उनकी तबियत की जानकारी साझा की थी। बता दें कि दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार चल रहे हैं।