गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई मौतों के मामले में जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी । डीएम ने अपनी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी का खुलासा किया है जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन और यूपी सरकार के दावों की पोल खुल गई है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है ।
कलेक्टर राजीव रौतेला ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन को सौंपी । जिलाधिकारी की रिपोर्ट में इस बात को माना गया है कि बीआरडी अस्पताल में आक्सीजन सप्लाई रुकी थी । चिकित्सा शिक्षा मंत्री अब इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन सप्लाई रुकने से 70 से ज्यादा बच्चो की मौत हो गई थी । लेकिन यूपी सरकार और कॉलेज प्रशासन का दावा था कि मौतें आक्सीजन की कमी से नहीं हुई ।
प्रारम्भिक जांच में कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आरके सिंह की लापरवाही सामने आयी थी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। साथ ही मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित कर दी है।
कमेटी जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट देगी जिसके बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। शासन ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, अम्बेडकरनगर के प्रधानाचार्य डॉ पीके सिंह को बीआरडी मेडिकल कॉलेज का कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त कर दिया है।