गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में जब बच्चे ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे थे, तो वहां कुछ डॉक्टर्स ऐसे भी थे जो उन्हें बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे थे। इन्हीं डॉक्टर्स की फेहरिस्त में एक नाम कफील अहमद का है। जो बच्चों को बचाने के लिए सारी रात जूझते रहे।
रात करीब दो बजे इंसेफेलाइटिस वार्ड के कर्मचारियों ने प्रभारी व बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील अहमद को यह सूचना दी कि अगले एक घंटे में ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। इस सूचना ने कफील अहमद को बेचान कर दिया, वह भागते हुए अपने दोस्त के अस्पताल पहुंचे और वहां से ऑक्सीजन का तीन जंबो सिलेंडर बीआरडी लेकर पहुंच गए। लेकिन उनकी यह कोशिश ज़्यादा देर तक नहीं चल सकी, इससे बच्चों को सिर्फ 15 मिनट ही ऑक्सीजन मिली।
सुबह साढ़े सात बजे ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो चुकी थी। हालात बेकाबू हो चुके थे। ऐसे में डॉक्टर कफील ने मोर्चा संभाला और दम तोड़ रहे बच्चों के इलाज में जुट गए। मासूमों को बचाने के लिए कफील अहमद ने हर मुमकिन कोशिश की।
जहां एक तरफ डॉक्टर कफील बच्चों को बचाने के लिए जूझते नज़र आए वहीं अस्पताल के कई सीनियर डॉक्टर नदारद रहे। विभागाध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल करीब 11 बजे वार्ड पहुंची। डॉ. भूपेन्द्र शर्मा दोपहर एक बजे वार्ड पहुंचे। दूसरे कई शिक्षक तो वार्ड की तरफ आए भी नहीं।