गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल (BRD) कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में डीएम राजीव रौतेला ने जांच रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, डॉक्टर और अधिकारियों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
रिपोर्ट में खुलासा कहा गया है कि जिन पर जान बचाने की जिम्मेदारी थी वो ही डॉक्टर और अधिकारी किस कदर अनियमितताओं, अनुशासनहीनता और लापरवाही में डूबे थे।
जांच रिपोर्ट में बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को मुख्य आरोपी ठहराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने के पीछे सबसे ज्यादा लापरवाही आरके मिश्रा की ओर से हुई है।
वहीं एनीसथीसिया विभाग के एचओडी और ऑक्सीजन सप्लाई प्रभारी डॉक्टर सतीश ने ड्यूटी निभाने में लापरवाही बरती। रिपोर्ट में पुष्पा सेल्स को भी जिम्मदार ठहराया गय़ा है, ये कंपनी अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करती है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्तीय गड़बड़ी के चलते अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हुई। इस ओर भी इशारा किया गया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की खरीद में कमीशखोरी हो रही थी. डीएम की जांच रिपोर्ट में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है।
डीएम राजीव रौतेला ने अपनी रिपोर्ट में बालरोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर कफील खान को लगभग क्लीनचिट दे दी है। जबकि सरकार ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर कफील खान पर कोई गंभीर आरोप नहीं लगाए हैं।