सबसे व्यापक साक्षात्कारों में से एक में डॉ कफील खान ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ से अगस्त 2017 के दुखद 48 घंटों के दौरान वाकयों पर बातचीत की।
डॉ खान को शुरुआत में नायक के रूप में सम्मानित किया गया था और फिर वह सबसे ज्यादा वांछित हो गए थे। हालांकि जनता को यह पता चला कि ऑक्सीजन की कमी के कारण बच्चों की मौत हुई।

डॉक्टर कफील के अनुसार घटना मीडिया को इसकी जानकारी मिली तो उसने उनकी तारीफ में आलेख लिखे लेकिन सीएम योगी को लगा कि वो अपनी पब्लिसिटी कर रहे हैं और उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी।
उन्हें अपना कर्तव्य करके भारी कीमत चुकानी पड़ी। तरल ऑक्सीजन ख़त्म हो गई थी लेकिन किसी ने इसके बारे में बात नहीं की थी।
( साभार : सब रंग)