अमरनाथ यात्रियों की बस पर सोमवार रात आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें 7 यात्रियों की मौत और 15 से अधिक घायल हो गए। बताया जा रहा है कि चालक सलीम की सूझबूझ से बाकी यात्रियों की जान बच गई। उसने फायरिंग होते ही बस तेजी से दौड़ाना शुरू कर दिया और उसे सुरक्षित स्थान पर रोका।
चालक सलीम के भाई जावेद मिर्जा ने कहा, कि सलीम ने मुझे रात 9.30 बजे कॉल किया और बस पर फायरिंग की जानकारी दी। उसने मुझसे कहा कि जहां फायरिंग हो रही थी वहाँ मैंने बस नहीं रोकी। यात्रियों के लिए सुरक्षित जगह मिलने पर ही मैंने बस रोकी।
जावेद ने कहा, वह 7 लोगों की जान नहीं बचा सका। लेकिन 50 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में सफल रहा। हमें उस पर गर्व है।
लेकिन पुलिस का कहना है कि बस चालक नियमों को तोड़ते हुए श्रद्धालुओं को लेकर आगे बढ़ा। बस अमरनाथ मंदिर बोर्ड से पंजीकृत भी नहीं थी। उसने अनिवार्य सुरक्षा नियमों पर भी अमल नहीं किया।
बता दें कि बस गुजरात की थी, जिसका पंजीकरण नंबर जी जे 0 999 76 था। दो दिन पहले ही उसने यात्रा समाप्त की थी और श्रीनगर में ही रुका था।