UP में भूख से तड़पते दलित युवक ने दम तोड़ा

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जिले के घंडुआ गांव में एक दलित की भूख से मौत का मामला सामने आया है। हालांकि जिला प्रशासन ने व्यक्ति की भूख से मौत की बात को खारिज किया है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हालांकि कई दिनों तक खाना न खाने की मौत होने की पुष्टि हुई है। इसी जिले के ऐला गांव में नत्थू रैदास की पिछले साल कथित तौर पर भूख से मौत हो गई थी और यह मामला संसद में गूंजा था।

अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) महोबा महेंद्र सिंह ने मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मृतक छोट्टन (38) को मधुमेह की बीमारी थी और उसकी मौत से ही बीमारी से हुई है।

हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि ‘मृतक को कई दिनों से खाना नहीं मिला था, लेकिन यह भी संभव है कि वह बीमारी की वजह से खाना न खा सका हो।’ उन्होंने कहा कि फिर भी मृतक के दाह संस्कार के लिए पांच हजार रुपये और परिवार के लिए पचास किलोग्राम अनाज का इंतजाम कर दिया गया है।

उधर, मृतक की पत्नी उषा का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से घर में एक भी अनाज नहीं था। उसका पति बीमार जरूर था, लेकिन मनरेगा की मजदूरी न मिलने की वजह से वह इलाज नहीं करा सकी और भूख व इलाज के अभाव में पति की मौत हुई है।