बीफ बैन या रोज़गार बैन?: फाकाकशी की ज़िन्दगी गुज़ारने को मजबूर दुलहीपुर के छोटे गोश्त कारोबारी

शम्स तबरेज़, सियासत न्यूज़ ब्यूरो।
दुलहीपुर(चन्दौली): दुलहीपुर गांव मुसलमानों की अच्छी खासी आबादी वाला इलाका है जो उत्तर प्रदेश के चन्दौली ज़िले में पड़ता है मुगलसराय से ये 6—7 किलोमीटर पर स्थित एक गांव जैसा है और ये वाराणसी के बेहद करीब है। लेकिन यहां के व्यापारी परेशान है क्योंकि उनके पास वैध लाईसेंस नहीं है और पिछली सरकार उनका लाईसेंस रिन्युअल नहीं किया है। सियासत से बात करते हुए गोश्त कारोबारी कय्यूम कुरैशी कहते हैं कि ‘उनका दुकान पिछले एक हफ्ते से बंद है। दुलहीपुर में कोई भी ज़बीहाखाना नहीं है लिहाज़ा यहां के गोश्त कारोबारी छोटे दर्जे के दुकानदार हैं जो अपने घर में ही जानवर को ज़िबाह करते हैं और उनके गोश्त को बेच कर अपना रोज़गार चलाते हैं। इन दुकानदारों ने बताया कि उनके घर में चार दिन से खाना नहीं बन रहा है, क्योंकि उनका रोज़गार ठप है और उनके पास रोज़ग़ार का कोई दूसरा ज़रिया नहीं है। उनके छोटे—छोटे बच्चे हैं जो अब भुखमरी के काग़ार पर आ चुके हैं। दुलहीपुर के गोश्त कारोबारी बताते हैं कि लाईसेंस रिन्युअल के लिए ज़िलाधिकारी से भी मिलने गए लेकिन अभी तक इस बाबत उनको कोई भी सूचना नहीं मिली।
उत्तर प्रदेश में ज़्यादातर दुकानदार यही कह रहे हैं कि उनके पास लाईसेंस है जिसे प्रशासन रिन्युअल नहीं कर रहा। प्रशासन ने किन कारणों से इनका लाईसेंस रिन्युअल नहीं किया इसकी जानकारी तो सरकार ही बेहतर जानती है लेकिन शासन और प्रशासन के बीच बेचारे छोटे दुकानदार अपना रोज़गार कैसे चलाए?