VIDEO : मुस्लिम शासकों के दौरान भारत सब से धनी देशों मे से था: शशि थरूर

मुस्लिम शासकों के दौरान भारत सब से धनी देशों में से एक था अंग्रेज़ों के भारत आने से पहले भारत का वर्ल्ड GDP में लगभग 27% की हिस्सेदारी थी मुस्लिम शासकों ने इस राष्ट्र को एक इकाई में एकजुट किया और देश को एक पहचान दी.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर ने ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रीय चैनल ABC से बात करते हुए कहा उन्होंने कहा कि भारत के वस्त्र उद्योग जिस में मुसलमानों की बड़ी हिस्सेदारी थी किस तरह से व्यवस्थित रूप से नष्ट किया गया
ब्रिटिश जब हिंदुस्तान आए थे उस से पहले भारत अमीर देश की सूची में सब से आगे था उस समय दुनिया के बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी 27% थी जबकि 18 शताब्दी मे यह घट कर 23%” हो गयी, 200 सालों से अधिक शोषण, लूट और विनाश के बाद  जब 1947 मे देश छोड़ कर गए तो भारत की 90% आबादी गरीबी रेखा से नीचे ज़िन्दगी बसर कर रही थी एजुकेशन अस्तर 17% से कम थी, और 1900 से 1947 के बीच विकास दर 0.001% थी भारत  दुनिया का सब से गरीब मुल्क की सूची मे तीसरे स्थान पर था.

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शशि थरूर ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न लेखक के महोत्सव में अतिथि के रूप में 4  सेप्टेम्बर 2017 को ABC के एक कार्यक्रम मे बात चीत के दौरान कहा था, यह विडियो फिर से सोशल मीडिया फिर से तब वायरल हुआ जब भारतीये अर्थव्‍यवस्था पर ताजा चल रहे संकट पर सोशल मीडिया मे मुस्लिम शासकों को ले कर  बहस चल रही है जिस से मुसलमानों को खास तौर पर टार्गेट किया जा रहा है.
थरूर ने ये भी बताया कि कैसे ब्रिटिश हुकूमत ने भारत के वस्त्र उद्योग और उसके निर्यात को नष्ट किया उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि ब्रिटिश मुफ्त व्यापार के नाम पर भारत आए थे और उन्होंने भारत के मुफ्त व्‍यापर को नष्ट कर दिया
ब्रिटिश शासन ने करधाओं को तोड़ दिया ताकि लोग अपनी कला का अभ्यास न कर सकें
उन्होने भारतीय वस्त्रों के निर्यात पर भारी कर लगा दिया और ब्रिटिश कपड़े के आयात पर टैक्स हटा दिया था
थरूर ने हाल में ही एक किताब “An Era of Darkness” लिखी है जो UK में “Inglorious Empire” What Birtish did to inside” के नाम से पब्लिश हुई है जो लंदन ईवनिंग स्टैंडर्ड के बेस्ट सेलर की सूची में शामिल हो गई है
उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ अपने लाभ के लिए भारत आए और हम पर शासन किया जबकि मुस्लिम शासक मूल रूप से शासन के लिए आए थे और वह भारत मे ही रहे और शादियां भी की, मेरे लिए वह विदेशी नही हैं अतः वह भी ब्रिटिश की तरह भारत को लूट कर देश की संपत्ति को दूसरे देश ले जाते.